काली पहाड़ी की गुफ़ा का राज़ । The Secret of The Black Mountain Cave । Moral Story in Hindi

काली पहाड़ी की गुफ़ा का राज़ । Kaali Phadi ki Gufa ka Raaz। Moral Story in Hindi

काली पहाड़ी की गुफ़ा का राज़ । The Secret of The Black Mountain Cave । Moral Story in Hindi
रहस्यमयी गुफ़ा की शुरुआत । The Secret of The Black Mountain Cave । Moral Story in Hindi

गाँव की पहाड़ी के पीछे एक पुरानी गुफ़ा थी, उस गुफा को आज तक किसी ने अंदर से नहीं देखा था। लोग कहते थे, “जो कोई भी वहा गया आजतक कभी वापस नहीं आया।” लेकिन 12 साल के गोलू की जिज्ञासा ने उसे गुफ़ा की ओर खींच लिया। गोलू गाँव का ही एक निर्धन किसान का बेटा था, जो पढ़ाई में तेज था लेकिन उसके पास स्कूल की किताबें खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। उसका सबसे अच्छा दोस्त छोटू, जो गाँव के पंच का बेटा था, उसे हमेशा समझाता - “गुफ़ा में मत जा, वहाँ तो भूत रहते हैं!”    

एक दिन, गोलू को अपनी माँ की दवा खरीदने के लिए पैसों की जरूरत पड़ी। उसने छोटू से कहा, “अगर मैं गुफ़ा में कुछ खजाना ढूँढ़ लूँ, तो मम्मी की दवा के लिए पैसे मिल जाएँगे।”  छोटू ने डरते हुए कह दिया - "ठीक है"।   

गुफ़ा का मुँह जंगली झाड़ियों से ढका हुआ था, और अंदर से एक अजीब सी आवाज़ आ रही थी गोलू ने झाड़ियों को हटाया और अंदर कदम रखा। गुफ़ा के अंदर चमकती हुई पथरियाँ थीं, जो रास्ता दिखा रही थी । हवा में गीली मिट्टी की खुशबू और दूर से पानी की टपकन की आवाज़ आ रही थी।   

थोड़ी देर चलने के बाद, उसे एक लकड़ी का दरवाज़ा मिला, जिस पर लिखा था: “यहाँ से आगे जाने वालों को पीछे लौटने की इजाज़त नहीं।”  गोलू ने दरवाज़ा धक्का दिया, और उसे एक अजीब दुनिया दिखी - झरनों से भरी घाटियाँ, फूलों के पेड़, लेकिन कोई इंसान नहीं। अचानक, एक बूढ़ा आदमी ने उसे पुकारा - “गोलू, तुम यहां क्यों आये हो?”  वह गुफ़ा का रखवाला था, जिसके पास एक चमकती हुई लाठी थी।   

गोलू ने कहा, “मुझे अपनी माँ की मदद के लिए पैसे चाहिए। मैं इस दुनिया का खजाना ढूँढ़ना चाहता हूँ।”  रखवाला मुस्काया: “इस खोज के लिए तुम्हें एक परीक्षा देनी होगी। अगर पास हो गए, तो तुम्हें सच्चाई मिलेगी; नहीं तो तुम यहीं फँस जाओगे।”  गोलू ने सहमति में सिर हिलाया, और रखवाला उसे एक गहरी सुरंग में ले गया।


गुफ़ा की माया

काली पहाड़ी की गुफ़ा का राज़ । The Secret of The Black Mountain Cave । Moral Story in Hindi
चार दरवाज़ों की माया । The Secret of The Black Mountain Cave । Moral Story in Hindi

सुरंग के अंत में एक विशाल हॉल था, जहाँ चार दरवाज़े थे :-  

    सोने का दरवाज़ा :-  “यहाँ से निकलोगे तो अमीर बन जाओगे।”  
    फूलों का दरवाज़ा :-  “यहाँ से निकलोगे तो सबसे प्यारा बन जाओगे।”  
    तलवारों का दरवाज़ा :-  “यहाँ से निकलोगे तो सबसे ताकतवर बन जाओगे।”  
    पुराना लकड़ी का दरवाज़ा :-  “यहाँ से निकलोगे तो सच्चाई मिलेगी।”
     

गोलू ने सोचा - “अमीरी, प्यार, ताकत सबको अच्छा लगता है, गोलू ने अपने मन में सोचा - लेकिन लोग सच्चाई को क्यों नहीं चुनते हैं ?”  उसने लकड़ी का दरवाज़ा खोला। अंदर से एक हवा निकली और उसे एक नई दुनिया में ले गयी, जहाँ लोग एक-दूसरे से लड़ रहे थे। एक महिला रोती हुई बोली - “हमने गुफ़ा के खजाने के लिए झूठ बोला, और अब हम फँस गए हैं।”    

गोलू समझ गया कि यह लोग पहले तीन दरवाज़ों से गुज़रे थे - धन, मान, ताकत के लालच में - लेकिन उनकी इच्छाएँ उन्हें नष्ट कर रही थीं। रखवाला ने कहा - “गुफ़ा की सच्चाई यह है कि सबसे बड़ी ताकत ‘ईमानदारी’ है। अगर तुम इन लोगों को समझा सको कि झूठ से कुछ नहीं मिलता, तो तुम्हारी परीक्षा पूरी होगी।”    

गोलू ने लोगों को एक जगह इकट्ठा किया और कहा - “हमें अपने गलतियों को स्वीकार करना चाहिए। बिना सच्चाई के कोई सुख नहीं।” लोगों ने सोचा, लेकिन कुछ ने मना कर दिया - “हम अमीर बनना चाहते हैं!” एक आदमी बोला - “मैंने सोने का दरवाज़ा खोला था। मुझे तो धन मिला, लेकिन मेरे बच्चे मुझसे नफरत करने लगे।”    

गोलू ने उससे पूछा - “क्या धन ने आपको खुश किया?” 

आदमी रो पड़ा :- “नहीं, मैंने अपने परिवार को खो दिया।” 

इसी तरह, एक लड़की जो फूलों का दरवाज़ा खोलकर सबसे प्यारी बनना चाहती थी, बोली :- “मुझे तो सबका प्यार मिला, लेकिन मैं ईर्ष्या (दूसरों के लिए मन में गलत ख्याल रखना ) से भर गई और अपने ही दोस्तों को धोखा देने लगी।”    

गोलू ने समझाया - “सच्चाई के बिना, हर इच्छा जहर बन जाती है।”  धीरे-धीरे, कुछ लोगों ने उसकी बात मानी, लेकिन अधिकांश अभी भी सोच में थे ।

 

सच्चाई की जीत 

काली पहाड़ी की गुफ़ा का राज़ । The Secret of The Black Mountain Cave । Moral Story in Hindi
सच्चाई की जीत । The Secret of The Black Mountain Cave । Moral Story in Hindi

गोलू ने एक बच्चे से पूछा - “क्या तुम्हें अपने माता-पिता के झूठ से दुख नहीं होता?”

बच्चा रो पड़ा - “मेरे पापा ने धन के लिए मुझे छोड़ दिया।” इससे लोगों को अहसास हुआ कि उनकी लालच ने उनके रिश्तों को तोड़ दिया था।

एक औरत ने कहा - “मैंने ताकत के लिए अपने भाई को धोखा दिया। अब मेरे पास कोई नहीं है।”    

रखवाला ने गोलू को इशारा दिया - “अब तुम्हें उन्हें सच्चाई का महत्व समझाना होगा।”

गोलू ने कहा - “देखो, जब हम झूठ बोलते हैं, तो हम दूसरों को दुख पहुँचाते हैं, और अपने आप को भी। सच्चाई से ही हम वास्तविक सुख पाते हैं।”    

एक आदमी बोला - “लेकिन सच्चाई से कैसे जीविका चलाएँ ?”

गोलू मुस्काया - “मेरी माँ को दवा की जरूरत है, लेकिन मैं चोरी नहीं करूँगा। मैं मेहनत करके पैसे कमाऊँगा।”  इस बात ने सबको प्रभावित किया। धीरे-धीरे सब लोगों ने सच बोलने और सच की राह पर चलने का वादा किया ।

रखवाला खुश होकर बोला - “तुमने परीक्षा पास कर ली। अब तुम वापस जा सकते हो।”

गोलू ने पूछा - “इन लोगों का क्या होगा?”

रखवाला बोला - “जब तक वे सच्चे रहेंगे, यह दुनिया उनकी मदद करेगी।”    

गाँव लौटकर गोलू ने सबको अपना अनुभव सुनाया। लोगों ने गुफ़ा को ‘सच्चाई की गुफ़ा’ नाम दिया। गोलू की माँ को दवा मिल गई, और उसने गाँव के बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया। उसने समझा कि सच्चाई से बड़ी कोई ताकत नहीं - यही उसकी सबसे बड़ी सीख थी। 

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