काली रात – 12 मई को एयरपोर्ट बंद क्यों हुए? Part 2 । Dark Night – Why were the airports closed on 12 May? । Crime Story in hindi

काली रात – 12 मई को एयरपोर्ट बंद क्यों हुए? Part 2। Kaali Raat - 12 May ko Airport Kyun Band Hue? । Crime Story in hindi


पिछली कड़ी में आपने पढ़ा :

अर्जुन की मासूम याददाश्त ने पुलिस को कई अहम सुराग दिए। मायक रागी नामक साइबर अपराधी पर शक गहराया। और अब मामला भारत से निकलकर अंतरराष्ट्रीय साजिश की ओर बढ़ रहा था। दिल्ली एयरपोर्ट पर मिले बैग, एन्क्रिप्टेड मैसेज, और फर्जी यूनिफॉर्म ने साबित कर दिया कि यह सब किसी एक आदमी का काम नहीं, बल्कि एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा था।

काली रात – 12 मई को एयरपोर्ट बंद क्यों हुए? Part 2 । Dark Night – Why were the airports closed on 12 May? । Crime Story in hindi
एयरपोर्ट की दीवार में छिपा डिवाइस । Dark Night – Why were the airports closed on 12 May? । Crime Story in hindi

🧠 अर्जुन की पहचान हुई ज़रूरी गवाह के रूप में

दिल्ली पुलिस ने अर्जुन और उसकी मां को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया। उसे अब ‘क्राइम केस के गवाह’ का दर्जा मिल गया था। अर्जुन ने जितनी स्पष्टता से संदिग्ध की हरकतें बताईं, उससे जांच को नई दिशा मिलती जा रही थी।

इस बीच, अर्जुन ने एक और चीज बताई -

“वो अंकल जब जा रहे थे तो उन्होंने एक डस्टबिन में कुछ फेंका था। शायद कोई पेपर या छोटा सा कार्ड था।”

यह एक छोटी सी बात थी, लेकिन पुलिस ने टर्मिनल 2 के डस्टबिन को पलट दिया।


🗃️ वो कागज़ जिसने तोड़ी चुप्पी

डस्टबिन से एक छोटा, मुड़ा-तुड़ा कागज़ मिला। उस पर लिखा था :-

“Code: Delta-23
Time: 12:30
Gate: 7
Backup Plan: Alpha Lane”

यह साफ इशारा था कि कोई कोडेड प्लान बनाया गया था। हो सकता है कि फर्स्ट प्लान फेल होने पर कोई ‘बैकअप प्लान’ भी एक्टिव किया जाता।

पुलिस ने तुरंत गेट 7 और एयरपोर्ट के "अल्फा लेन" एरिया (जहां वीआईपी कार पार्किंग होती है) को सील कर दिया।


💻 साइबर यूनिट को मिली एक मेल

14 मई की रात, दिल्ली पुलिस की साइबर यूनिट को एक एनक्रिप्टेड मेल रिसीव हुई, जिसमें लिखा था:

“You stopped Phase 1. But Phase 2 will be unexpected. Let the country see what silence can do.”

मेल के आईपी एड्रेस को ट्रेस किया गया — यह एक VPN-प्रोटेक्टेड सिग्नल था, जो किसी विदेश के सर्वर से भेजा गया था। लेकिन भाषा और संदर्भ से साफ था कि भेजने वाला भारत को जानता है, और किसी इंडियन नेटवर्क से जुड़ा है।

 

👨‍💼 मायक रागी – परछाई की तरह गायब

इस बीच मायक रागी का नाम तो लगातार सामने आ रहा था, लेकिन उसकी कोई लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे वो किसी परछाई की तरह सबकुछ देख रहा है और हर एक कदम की पहले से तैयारी कर चुका हो।

इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स से पता चला कि समीर अब अकेला नहीं था। उसने एक टीम बनाई थी - जिनमें तकनीकी जानकार, नकली दस्तावेज़ बनाने वाले, और कुछ पूर्व-अपराधी भी शामिल थे।

 

🚧 एयरपोर्ट पर दूसरी संदिग्ध घटना

15 मई को, एयरपोर्ट के एक सफाई कर्मचारी ने टॉयलेट के पीछे की दीवार में एक अजीब चीज़ देखी - एक छोटा सा पैनल, जिसे हाल ही में इंस्टॉल किया गया था। देखने में यह एसी कंट्रोल जैसा लग रहा था, लेकिन असल में यह स्पाई डिवाइस था।

इस डिवाइस से:

  • टर्मिनल के अंदर हो रही बातचीत रिकॉर्ड हो सकती थी

  • इंटरनल कम्युनिकेशन को सुना जा सकता था

  • एयरपोर्ट स्टाफ की गतिविधियाँ ट्रैक की जा सकती थीं

अब यह साफ हो गया था — दिल्ली एयरपोर्ट की सुरक्षा में अंदर से सेंध लग चुकी थी।


🧑‍✈️ कौन था अंदर का आदमी?

पुलिस ने तुरंत एयरपोर्ट स्टाफ की लिस्ट खंगाली और पाया कि एक ठेके पर काम करने वाला कर्मचारी पिछले एक महीने से गायब था, लेकिन उसकी आईडी अभी भी किसी ने इस्तेमाल की थी। जब CCTV देखा गया, तो उसमें एक नकली वर्दी वाला व्यक्ति उसी आईडी कार्ड से Restricted Area में प्रवेश करता हुआ दिखाई दिया।

इस व्यक्ति की तलाश अब केस की प्राथमिकता बन चुकी थी।


🧑‍💻 दिल्ली से नेपाल तक फैला नेटवर्क

क्राइम ब्रांच की एक और रिपोर्ट से पता चला कि मायक रागी का नेटवर्क नेपाल, बांग्लादेश और यूएई तक फैला हुआ था। दिल्ली से एक नकली पासपोर्ट जब्त हुआ जिसमें काठमांडू की टिकट लगी हुई थी।

जांच अधिकारियों ने अंदाजा लगाया :-

  • यह प्लान सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि एक इंटरनेशनल एयर ट्रैफिक को डिस्टर्ब करने की साजिश हो सकती हैं।

  • Delhi Airport एक टेस्ट साइट था

  • अगर ये सफल होता, तो अगला टारगेट मुंबई या दुबई एयरपोर्ट हो सकता था

 

🛑 अर्जुन पर हमला!

इसी दौरान एक चौंकाने वाली घटना हुई - 15 मई की रात, अर्जुन को सुरक्षित स्थान से शिफ्ट करते समय, उसकी गाड़ी के पास एक बाइक सवार ने गोली चलाई।
सौभाग्य से गोली गाड़ी के शीशे पर लगी और कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन अब साफ हो चुका था - गवाहों को भी निशाना बनाया जा रहा है

दिल्ली पुलिस ने अर्जुन और उसके परिवार को हाई सिक्योरिटी में रखा और केस को “Category A Threat” घोषित किया।

 


🧩 जब परदे के पीछे का सच सामने आया

16 मई की सुबह, दिल्ली पुलिस के साइबर क्राइम हेड को एक इंटरसेप्टेड कॉल रिकॉर्डिंग मिली। यह कॉल इसराइल से नेपाल के एक लोकल नंबर पर की गई थी। कॉल में दो लोग बात कर रहे थे:

“Airport तो बच गया, पर Phase 2 से कोई नहीं बचेगा”

“Delhi तो बस एक ट्रायल था, असली प्लान तो मुंबई में है - 20 तारीख को।"

इस कॉल ने पुलिस के होश उड़ा दिए। इसका मतलब था - मायक रागी की असली योजना दिल्ली नहीं, बल्कि मुंबई एयरपोर्ट को निशाना बनाने की थी, और दिल्ली सिर्फ एक टेस्ट केस था यह जानने के लिए कि भारत की सुरक्षा व्यवस्था कितनी मजबूत है।


🛫 मुंबई एयरपोर्ट पर छाया खतरा

दिल्ली पुलिस ने तुरंत यह सूचना RAW और IB (Intelligence Bureau) को भेजी। मुंबई एयरपोर्ट पर रेड अलर्ट जारी कर दिया गया। NSG कमांडो और ATS की टीमें तैनात कर दी गईं। 16 से 20 मई तक देश के सभी बड़े एयरपोर्ट हाई अलर्ट पर रहे।

अब तक की सबसे बड़ी एयरपोर्ट सुरक्षा ऑपरेशन शुरू हुआ।


💻 मायक रागी का पता चला

दिल्ली की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने नेपाल के काठमांडू से मिले डिजिटल डेटा और ट्रैवल रिकॉर्ड्स को मिलाकर एक ठोस लोकेशन ट्रैक की -
पशुपतिनाथ के पास एक साइबर कैफे से मायक रागी की फर्जी पासपोर्ट से लॉगिन की पुष्टि हुई।

Interpol के सहयोग से नेपाल पुलिस को अलर्ट किया गया और 17 मई की रात मायक रागी को गिरफ्तार कर लिया गया। जब उसे पकड़ा गया, वह एक लैपटॉप पर नकली ID और डेटा ट्रांसफर के कोड जनरेट कर रहा था।


🤯 मायक रागी का कबूलनामा

मायक रागी ने गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे किए :-

  • “मैं एयरपोर्ट हैक कर सकता था।”
    उसने बताया कि दिल्ली एयरपोर्ट में छोड़ा गया डिवाइस केवल एक डमी था, असली डिवाइस उसके साथियों द्वारा मुंबई में प्लांट किया जाना था।

  • “मैं अकेला नहीं था।”
    उसके पीछे एक पूरी टीम थी – 8 देश, 27 नकली IDs और 3 इनसाइड एजेंट्स।

  • “मकसद पैसा नहीं था – Chaos था।”
    उसका उद्देश्य था भारत में Air Traffic System को बाधित करना, जिससे इंटरनेशनल उड़ानों में डर पैदा हो और भारत की छवि खराब हो।


🚨 मुंबई में प्लान फेल

मायक रागी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने जो डेटा रिकवर किया, उसमें मुंबई एयरपोर्ट के ब्लूप्रिंट्स, इनसाइड कैमरा IPs, और एक डिवाइस की लोकेशन मौजूद थी। 18 मई को, पुलिस ने मुंबई एयरपोर्ट के एक पुराने स्टोरेज एरिया से वो डिवाइस बरामद किया, जो फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम के बहुत पास लगाया गया था।

अगर वो डिवाइस 20 मई को एक्टिव हो जाता, तो एयर ट्रैफिक कंट्रोल ठप्प हो सकता था - सैकड़ों उड़ानों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती थी।

 

🧒 अर्जुन को मिला सम्मान

काली रात – 12 मई को एयरपोर्ट बंद क्यों हुए? Part 2 । Dark Night – Why were the airports closed on 12 May? । Crime Story in hindi
अर्जुन को वीरता पुरस्कार । Dark Night – Why were the airports closed on 12 May? । Crime Story in hindi

इस केस में अहम भूमिका निभाने वाले 11 वर्षीय अर्जुन को भारत सरकार द्वारा “बाल वीरता पुरस्कार” देने की घोषणा की गई। उसकी सतर्कता और याददाश्त ने हजारों लोगों की जान बचा ली।

अर्जुन से एक रिपोर्टर ने पूछा :-

         “तुम्हें डर नहीं लगा?”

अर्जुन ने मुस्कुराते हुए कहा :-

         “डर तो लगा था… लेकिन मम्मी ने कहा था, सच बोलने से कभी नहीं डरना चाहिए।”


✈️ एयरपोर्ट सुरक्षा को अपग्रेड किया गया

इस पूरे घटनाक्रम के बाद भारत के सभी इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स पर कई सुधार किए गए :-

  • सभी स्टाफ का दोबारा वेरिफिकेशन

  • अधिक उन्नत CCTV और स्पाई-डिटेक्शन सिस्टम

  • सिग्नल जैमर और ब्लॉकर के लिए अलग टीम

  • आम यात्रियों के लिए सेंसिटिव बैग डिटेक्शन प्रणाली

     

🔚 और अंत में...

12 मई की काली रात भारत के एयरपोर्ट इतिहास में एक चेतावनी बनकर सामने आई, कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कितना खतरनाक हो सकता है अगर वह गलत हाथों में हो।

अगर रिया ने बैग की सूचना न दी होती, अर्जुन ने ध्यान से न देखा होता, और पुलिस ने तेजी से काम न किया होता -तो न जाने क्या हो सकता था।

 

📌 निष्कर्ष :

  • ये एक सामान्य क्राइम नहीं था – ये साइबर आतंकवाद था।

  • मायक रागी जैसा व्यक्ति अकेला नहीं – ऐसे नेटवर्क कई रूपों में मौजूद हो सकते हैं।

  • एक आम यात्री की सतर्कता और एक बच्चे की समझदारी ने सबकुछ बदल दिया।

     

📢 Disclaimer:

यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक (Fictional) है। इसका किसी भी व्यक्ति, स्थान या घटना से कोई वास्तविक संबंध नहीं है। यह केवल मनोरंजन और जागरूकता के उद्देश्य से लिखी गई है।

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