Unique Friendship Between Tree and Parrot - A Beautiful Hindi Story for Children | Free Hindi Story for Kids
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पेड़ और तोते की अनोखी दोस्ती - एक सुंदर हिंदी कहानी बच्चों के लिए | Free Hindi Story for Kids |
क्या आपने कभी सुना है कि एक पेड़ और एक तोते की दोस्ती ने न केवल एक जंगल को बचाया, बल्कि एक पूरी बस्ती को नई जिंदगी दी? यह कहानी है ल्यूक नाम के एक तोते और विलो नाम के एक पुराने ओक पेड़ की, जो अमेरिका के एक छोटे से कस्बे ग्रेन्सवुड में रहते थे। यह कहानी दोस्ती, विश्वास, और बलिदान की ऐसी मिसाल पेश करती है, जो आपके दिल को छू जाएगी। आइए, इस अनोखी दोस्ती की यात्रा में चलें!
ग्रेन्सवुड का जंगल : कहानी की शुरुआत
ग्रेन्सवुड, अमेरिका के मिशिगन राज्य में बसा एक छोटा सा कस्बा, अपने घने जंगलों और शांत वातावरण के लिए जाना जाता था। इस जंगल के बीचों-बीच खड़ा था विलो, एक विशाल ओक का पेड़, जिसकी उम्र सैकड़ों साल थी। उसकी मजबूत शाखाएँ और घनी छाँव हर राहगीर को सुकून देती थी। लेकिन विलो अकेला था। जंगल के दूसरे पेड़ उससे बात नहीं करते थे, क्योंकि वो पुराना और "बोरिंग" था।
एक दिन, जंगल में एक रंग-बिरंगा तोता उड़ा-उड़ा आया। उसका नाम था ल्यूक। ल्यूक की चटकीली हरी और लाल पंखों वाली सुंदरता और उसकी चुलबुली बातें जंगल के सभी जानवरों को पसंद थीं। ल्यूक को नई-नई जगहों पर घूमना और नई कहानियाँ सुनना पसंद था। जब वो विलो की शाख पर बैठा, तो उसने कुछ अलग महसूस किया।
"ऐ पेड़, तू इतना चुप क्यों रहता है? क्या तुझे बात करना पसंद नहीं?" ल्यूक ने चहकते हुए पूछा।
विलो ने गहरी साँस ली और बोला, "मैंने सालों से किसी से बात नहीं की। लोग मेरी छाँव में आते हैं, लेकिन मेरी कहानियाँ सुनने का वक्त किसी के पास नहीं।"
ल्यूक ने अपनी चोंच से अपने पंख साफ करते हुए कहा, "तो चल, आज से मैं तेरा दोस्त! तू मुझे अपनी कहानियाँ सुना, और मैं तुझे दुनिया की सैर कराऊँगा!"
इस तरह शुरू हुई एक अनोखी दोस्ती। लेकिन क्या यह दोस्ती इतनी आसान थी? आइए, आगे जानते हैं।
दोस्ती का पहला इम्तिहान
ल्यूक हर दिन विलो के पास आता। वो जंगल के बाहर की दुनिया की कहानियाँ सुनाता—कैसे लोग शहरों में रहते हैं, कैसे नदियाँ बहती हैं, और कैसे बच्चे पार्क में खेलते हैं। विलो को ये कहानियाँ इतनी पसंद थीं कि वो हर दिन ल्यूक का इंतज़ार करता। बदले में, विलो ल्यूक को अपनी पुरानी यादें सुनाता—कैसे उसने जंगल को आँधियों से बचाया, कैसे उसकी जड़ों ने नदी का रास्ता बदला।
लेकिन एक दिन, ग्रेन्सवुड में अफवाह फैली कि जंगल का एक हिस्सा काटा जाएगा। एक बिल्डर कंपनी, ग्रीनवेल कॉर्प, ने वहाँ एक मॉल बनाने का प्लान बनाया था। विलो को यह खबर सुनकर डर लगा। उसने ल्यूक से कहा, "अगर जंगल कट गया, तो मेरा क्या होगा? मेरी जड़ें यहाँ गहरी हैं।"
ल्यूक ने अपने पंख फड़फड़ाए और बोला, "चिंता मत कर, दोस्त! मैं कुछ न कुछ करूँगा।"
ल्यूक ने जंगल के सभी जानवरों को इकट्ठा किया। उसने चील, उल्लू, खरगोश, और यहाँ तक कि छोटे-छोटे चीटियों को भी बुलाया। "हमें विलो और जंगल को बचाना है!" उसने जोश के साथ कहा। लेकिन क्या जानवरों की यह छोटी सी सेना इतनी बड़ी कंपनी से लड़ पाएगी? यह सवाल हर किसी के मन में था।
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पेड़ और तोते की अनोखी दोस्ती - एक सुंदर हिंदी कहानी बच्चों के लिए | Free Hindi Story for Kids |
एक अनोखा प्लान
ल्यूक को एक अनोखा आइडिया आया। उसने विलो से कहा, "तू जंगल का सबसे पुराना पेड़ है। तुझमें कुछ खास तो होगा न? कोई ऐसी बात जो इंसानों को जंगल की अहमियत समझाए?"
विलो ने सोचा और बोला, "मेरी जड़ों के नीचे एक पुराना खजाना दबा है। सैकड़ों साल पहले, एक यात्री ने यहाँ एक चाँदी का सिक्का छिपाया था। अगर हम इसे लोगों को दिखाएँ, तो शायद वो जंगल को बचाने की बात सुनें।"
ल्यूक ने तुरंत प्लान बनाया। उसने अपने दोस्तों - उल्लू, जो रात में देख सकता था, और खरगोश, जो तेज़ी से खुदाई कर सकता था - उसको बुलाया। रात के अंधेरे में, उन्होंने विलो की जड़ों के पास खुदाई शुरू की। घंटों की मेहनत के बाद, उन्हें एक चमकता हुआ सिक्का मिला। उस पर पुराने समय का एक निशान था, जो ग्रेन्सवुड की ऐतिहासिक अहमियत को दर्शाता था।
ल्यूक ने सिक्के को कस्बे के म्यूज़ियम में पहुँचाया। वहाँ की हेड क्यूरेटर, मिस एलिज़ा, इस खोज से हैरान थीं। उन्होंने तुरंत स्थानीय अखबार को खबर दी, और देखते ही देखते ग्रेन्सवुड का जंगल सुर्खियों में आ गया। लेकिन क्या यह खजाना जंगल को बचा पाएगा?
कंपनी का दबाव और दोस्ती की ताकत
ग्रीनवेल कॉर्प के मालिक, मिस्टर हार्पर, को यह खबर पसंद नहीं आई। उसने जंगल काटने का काम तेज कर दिया। बुलडोजर जंगल के करीब पहुँचने लगे। विलो घबरा रहा था, लेकिन ल्यूक ने हार नहीं मानी। उसने कस्बे के बच्चों को इकट्ठा किया और उन्हें विलो की कहानियाँ सुनाईं। बच्चों ने अपने माता-पिता को बताया, और धीरे-धीरे पूरा कस्बा जंगल को बचाने के लिए एकजुट हो गया।
ल्यूक ने एक आखिरी कोशिश की। उसने मिस एलिज़ा की मदद से एक रैली का आयोजन किया। कस्बे के लोग, बच्चे, और यहाँ तक कि कुछ पत्रकार भी जंगल में इकट्ठा हुए। ल्यूक ने अपनी चोंच से एक छोटा सा भाषण दिया (हाँ, तोते भी बोल सकते हैं!). उसने कहा, "विलो सिर्फ़ एक पेड़ नहीं, बल्कि हमारी धरोहर है। अगर हम इसे खो देंगे, तो हम अपनी जड़ें खो देंगे।"
लोगों के दिलों में ल्यूक की बातें घर कर गईं। मिस्टर हार्पर को भारी दबाव का सामना करना पड़ा। आखिरकार, उसने मॉल का प्लान रद्द कर दिया। जंगल बच गया, और विलो की जड़ें एक बार फिर मजबूत हो गईं।
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पेड़ और तोते की अनोखी दोस्ती - एक सुंदर हिंदी कहानी बच्चों के लिए | Free Hindi Story for Kids |
दोस्ती का असली मतलब
कहानी यहीं खत्म नहीं होती। कुछ महीनों बाद, ग्रेन्सवुड के जंगल को एक नेशनल हेरिटेज साइट घोषित कर दिया गया। विलो अब सिर्फ़ एक पेड़ नहीं था, बल्कि कस्बे की शान बन गया था। ल्यूक अब भी हर दिन विलो की शाखों पर बैठता और नई कहानियाँ सुनाता। लेकिन इस बार, विलो अकेला नहीं था। जंगल के दूसरे पेड़ भी उससे बात करने लगे थे।
इस कहानी से हमें एक बड़ा सबक मिलता है—दोस्ती वो ताकत है, जो सबसे मुश्किल वक्त में भी उम्मीद की किरण जलाए रखती है। ल्यूक और विलो की दोस्ती ने न सिर्फ़ एक जंगल को बचाया, बल्कि पूरे कस्बे को एकजुट किया।
नई दोस्ती की शुरुआत करे
तो, क्या आप भी ऐसी दोस्ती की तलाश में हैं? शायद आपके आसपास कोई विलो या ल्यूक इंतज़ार कर रहा हो। यह कहानी हमें सिखाती है कि दोस्ती में उम्र, रूप, या जगह मायने नहीं रखती। बस एक सच्चा दिल चाहिए, जो दूसरों के लिए कुछ कर गुजरने की हिम्मत रखे।
अगर आपको यह कहानी पसंद आई, तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। और हाँ, अपने उस दोस्त को ज़रूर याद करें, जो आपके लिए विलो या ल्यूक जैसा है। दोस्ती के लिए कहानी पढ़ने का मज़ा तभी पूरा होता है, जब आप इसे अपने दिल से दिल तक पहुँचाएँ!
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